
Acharya Bhawana Sharma
इस बार वसंत पंचमी पर अपनाएं राशि अनुसार उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी / वसंत पंचमी का पर्व होता है। इस दिन विद्या की देवी माता सरस्वती पूजा अर्चना भी की जाती है। वहीं इसी दिन से भारत में बसंत ऋतु शुरू होती है। इस साल यानि संवत्सर 2078 (साल 2022) में बसंत पंचमी के दिन 05 फरवरी शनिवार को पूजन का मुहूर्त प्रात: 07:07:21 बजे से लेकर दोपहर 12:35:21 तक का है, वहीं बसंत पंचमी के दिन शाम 05 बजकर 42 मिनट तक सिद्ध योग भी बन रहा है, जिसके ठीक बाद साध्य योग शुरू हो जाएगा। बसंत पंचमी के दिन रवि योग शाम 04:09 बजे से अगले दिन सुबह 07:06 बजे तक रहेगा।
पंचांग के अनुसार साल 2022 (संवत्सर 2078) के माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 05 फरवरी शनिवार को सुबह 03:47 बजे से होगा, वहीं इसका समापन अगले दिन यानि रविवार को सुबह 03:46 बजे होगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस तिथि को एक अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
माना जाता है कि इस दिन जातक को अपनी राशि पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं, वहीं जिन्हें राशि को लेकर भ्रम हो उन्हें इस दिन स्फटिक माला से क्षमता के अनुसार 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' का जापकर, कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाएं।
: स्वास्थ्य के लिए 'ॐ जूं स:' का जप करें। : धन के लिए 'ॐ श्रीं नम:' या 'ॐ क्लीं नम:' का जप करें। वसंत पंचमी मुहूर्त्त (Basant Panchmi Sarswati Pujan Muhurat 2022) : सरस्वती पूजा मुहूर्त : सुबह 07:07:21 बजे से लेकर दोपहर 12:35:21 तक अवधि : 5 घंटे 28 मिनट रवि योग : शाम 04:09 बजे से अगले दिन प्रात: 07:06 बजे तक
ऐसे में आज हम आपको सबसे पहले ज्योतिष के अनुसार इस दिन आपको क्या करना चाहिए, इसके बारे में बता रहे हैं। माना जाता है कि इस दिन राशि अनुसार निम्नलिखित विशेष उपाय करने से सुख-समृद्धि भी मिलती है।
राशि के अनुसार उपाय 1. मेष राशि- वसंत पंचमी से भगवान हनुमान की पूजा कर उनके बाएं चरण का सिन्दूर लेकर नित्य तिलक करें साथ ही हनुमान चालीसा का हर रोज पाठ करें। विद्या व बुद्धि के लिए 'ऐं' का जप करें।
2. वृषभ राशि- माता सरस्वती के यंत्र या चित्र पर इमली के पत्ते 22 नग लेकर 11 पत्ते चढ़ाएं। 11 पत्ते अपने पास सफेद वस्त्र में लपेटकर रखें, सफलता मिलेगी। 3. मिथुन राशि- उपचार-पूजन कर भगवान गणेश को यज्ञोपवीत चढ़ाएं और 21 दूर्वादल के अंकुर 21 बार 'ॐ गं गणपतये नम:' का जप करते हुए चढ़ाएं। विद्या प्राप्ति के विघ्न दूर होंगे।
4. कर्क राशि- 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' जाप कर माता सरस्वती के यंत्र या चित्र पर आम के बौर चढ़ाएं।
5. सिंह राशि - 'ॐ ऐं नम:..' गायत्री मंत्र 'नमो ऐं ॐ' से संपुटित कर जपें, लाभ होगा।
6. कन्या राशि - 'ॐ ऐं नम:' का जप करें और पुस्तक, ग्रंथ इत्यादि दान करें ।
7. तुला राशि - किसी ब्राह्मण कन्या को पूजन कर पुस्तक ग्रंथ और सफेद वस्त्र दान करें और श्वेत मिठाई खिलाएं। 'ॐ ऐं नम:' का जाप करें। 8. वृश्चिक राशि - माता सरस्वती का पूजन कर श्वेत रेशमी वस्त्र चढ़ाएं साथ ही कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाएं। 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' का जाप करें।
9. धनु राशि - माता सरस्वती को श्वेत चंदन चढ़ाएं और पूजन के पश्चात श्वेत वस्त्र दान करें। 10. मकर राशि - ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' से मंत्रित कर ब्राह्मी नामक औषधि का सूर्योदय के पहले सेवन कर लें। सफलता कदम चूमेगी।
11. कुंभ राशि - कन्याओं को माता सरस्वती के पूजन के पश्चात खीर खिलाएं और 'ॐ ऐं नम:' जपें। 12. मीन राशि - पुरुष अपनी दाहिनी भुजा और स्त्री अपनी बाईं भुजा पर अपामार्ग की जड़ शास्त्रीय तरीके से निकालकर 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' की 11 माला, स्फटिक माला से कर सफेद वस्त्र में बांधकर धारण करें।
विद्यार्थी के लिए ये है विशेष वसंत पंचमी का पर्व सभी के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसे में वसंत पंचमी पर विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जाप नहीं कर सकते, उन्हें मां सरस्वती के सरल मंत्र का जाप करना चाहिए। माना जाता है कि वसंत पंचमी पर इस मंत्र का पाठ विद्या और बुद्धि में वृद्धि करता है।
मां सरस्वती का सरल मंत्र 'ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।'
- मैहर में मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मौजूद है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है। 'शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे। सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।' अर्थात: शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब म
नोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।